पुलिस के घसीटने से ओलंपिक पोडियम तक, विनेश फोगाट के 18 महीनों का संघर्ष
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विनेश फोगाट के पिछले 18 महीनों का संघर्ष
भारतीय महिला पहलवान विनेश फोगाट ने पेरिस ओलंपिक 2024 के फाइनल में जगह बनाई तो पूरा देश उन्हें बधाई दे रहा है। हालांकि, कुछ महीनों पहले तक ही भारत विनेश फोगाट को लेकर दो हिस्सों में बंटा था। एक हिस्सा उनका समर्थन कर रहा था तो वहीं दूसरा हिस्सा उनके विरोध में था। विनेश ने ओलंपिक फाइनल में पहुंचकर इतिहास रचा है, लेकिन पिछले 18 महीने उनके लिए बहुत ही कठिन रहे हैं। आइए जानते हैं सड़क पर सोने से ओलंपिक फाइनल में पहुंचने के बीच विनेश के जीवन में क्या-क्या हुआ।
जनवरी 2023 में विनेश फोगाट ने शुरू किया धरना
जनवरी 2023 में विनेश, बजरंग पुनिया, संगीता फोगाट और कुछ अन्य लोगों ने एक धरना शुरू किया। इसमें भारतीय कुश्ती संघ के उस समय के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर महिला पहलवानों का यौन शोषण करने का आरोप लगा। खेल मंत्रालय द्वारा आश्वासन मिला, तो यह धरना जल्दी समाप्त हो गया। अप्रैल में विनेश को एशियन गेम्स की तैयारी के लिए स्वीडन जाना था। हालांकि, उन्होंने आंदोलन से जुड़े रहने के लिए वहां की यात्रा रद्द कर दी। 23 अप्रैल को धरना दोबारा शुरू हुआ क्योंकि पुलिस FIR नहीं दर्ज कर रही थी।
इस बार ये पहलवान यहां से हटने के मूड में नहीं दिख रहे थे। नई संसद भवन के उदघाटन के दिन पहलवानों ने पैदल यात्रा निकाली। इस दौरान पुलिस के साथ उनकी झड़प भी हुई और यहां से जो फोटो आए वो निराश करने वाले थे। विश्व स्तर पर भारत को सम्मान दिला चुके पहलवानों को पुलिस के द्वारा घसीटा जा रहा था। इन सभी पर शांति तोड़ने के लिए FIR भी दर्ज की गई।
धरना खत्म हुआ तो लग गई विनेश फोगाट को चोट
जून में चार्जशीट दाखिल हो जाने के बाद पहलवानों का धरना आखिरकार समाप्त हुआ। 40 दिन तक चले इस धरने में विनेश समेत तमाम दिग्गज सड़क पर सोने को मजबूर थे। अक्सर उनकी बिजली काट दी जाती थी। पहलवानों ने सड़क पर ही अभ्यास करना जारी रखा था। अगस्त में पता चला कि विनेश के घुटने में ट्रेनिंग के दौरान चोट लग गई है। इस कारण वह एशियन गेम्स का हिस्सा नहीं बन सकती थीं। इसके साथ ही उन्हें अपने घुटने की सर्जरी भी करानी थी।
करियर में दूसरी बार विनेश घुटने की सर्जरी कराने वाली थीं। जिस समय उन्हें यह चोट लगी वह काफी अहम था क्योंकि ठीक एक साल में ओलंपिक शुरू होना था। हालांकि, उन्होंने सर्जरी कराई और अपने इरादों को मजबूत रखा।
दिसंबर में शुरू किया अभ्यास
सर्जरी के बाद विनेश ने दिसंबर में बेंगलुरू जाकर अभ्यास करना शुरू किया। इसी बीच कुश्ती संघ के चुनाव में बृजभूषण के करीबी संजय सिंह को जीत मिली और वह अध्यक्ष बन गए। इसके बाद पहलवान फिर विरोध करने लगे। साक्षी मलिक ने इसके विरोध में कुश्ती से संन्यास ले लिया। बजरंग और विनेश ने अपने खेल रत्न और अर्जुन अवार्ड सरकार को वापस लौटा दिए।
फरवरी में गोल्ड के साथ पूरी हुई वापसी
विनेश ने फरवरी 2024 में नेशनल में गोल्ड मेडल जीतते हुए वापसी की। 17 महीनों में यह उनकी केवल दूसरी प्रतियोगिता थी। मार्च में एशियन और वर्ल्ड क्वालीफायर्स के जरिए ओलंपिक कोटा हासिल किया जाना था। कुश्ती संघ इसका ट्रायल करा रहा था और इसमें विनेश ने ऐसा फैसला किया जो किसी ने सोचा भी नहीं होगा। विनेश ने 50 और 53 किग्रा के दोनों भारवर्ग में लड़ने का फैसला किया। विनेश ने 50 किग्रा में ट्रायल जीत लिया।
अप्रैल में जीता ओलंपिक कोटा
एशियन क्वालीफायर्स में विनेश ने ओलंपिक कोटा हासिल किया। इसके बावजूद कुश्ती संघ के पास अधिकार था कि वे ओलंपिक में हिस्सा लेने वाले पहलवान का चुनाव करें। हालांकि, कुश्ती संघ ने ट्रायल कराने से इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि जिस पहलवान ने कोटा हासिल किया है, वही ओलंपिक में भी हिस्सा लेगा। इसके साथ ही विनेश लगातार तीन ओलंपिक में हिस्सा लेने वाली पहली भारतीय पहलवान बनीं।