बांग्लादेश से शेख हसीना के भागने के बाद 232 की मौत, हिंदुओं का विरोध प्रदर्शन
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बांग्लादेश में हिंदु समुदाय कर रहा सुरक्षा की मांग
शेख हसीना के भारत आने के बाद भी बांग्लादेश में हालात सुधर नहीं सके हैं। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं के खिलाफ हिंसा की घटनाएं बढ़ गई हैं। इस हिंसा के चलते बांग्लादेश के कई घबराए हुए नागरिकों ने पिछले कुछ दिनों में अवैध रूप से भारत में प्रवेश करने की कोशिश की है। इधर भारत ने भी बॉर्डर पर सुरक्षा बढ़ा दी है ताकि घुसपैठ न हो सके।
रिपोर्ट्स के अनुसार, इस हिंसा में एक स्कूल शिक्षक की मौत हो गई है और कम से कम 45 लोग घायल हुए हैं। हिंसा का मुख्य निशाना हिंदुओं के घर, व्यापारिक प्रतिष्ठान और मंदिर रहे हैं। बीते सोमवार को शेख हसीना के पद से इस्तीफा देने के बाद यह हिंसा और भड़क उठी।
हिंदू समुदाय, जो बांग्लादेश की 170 मिलियन की आबादी का लगभग 8 प्रतिशत हिस्सा है, परंपरागत रूप से शेख हसीना की अवामी लीग पार्टी का समर्थन करता रहा है। पिछले महीने, जब विरोधी-कोटा प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच हिंसक झड़पें हुईं, तो अवामी लीग पार्टी जनता के गुस्से का केंद्र बन गई। शेख हसीना के इस्तीफे और भारत में शरण लेने के बाद, स्थिति और भी बिगड़ गई है, जिससे अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय पर हमले तेज हो गए हैं। हिंदू समुदाय के लोग इस हिंसा के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं और सुरक्षा की मांग कर रहे हैं।
बांग्लादेश में जारी इस हिंसा ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान आकर्षित किया है और अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है। शेख हसीना के भारत में शरण लेने के बाद बांग्लादेश की राजनीतिक स्थिति और अस्थिर हो गई है, जिसका सीधा असर वहां के अल्पसंख्यक समुदायों पर पड़ा है। बांग्लादेश में एक अस्थाई सरकार का गठन हो चुका है। हालांकि, अब वहां के लोग शेख हसीना को बांग्लादेश लाकर उनको सजा देने की मांग कर रहे हैं।