अरशद नदीम ने जीता गोल्ड, पाकिस्तान को 32 सालों बाद मिला ओलंपिक मेडल

अरशद नदीम ने दिलाया पाकिस्तान को 32 साल बाद ओलंपिक मेडल
पेरिस ओलंपिक 2024 में मेन्स जैवलिन थ्रो का फाइनल मुकाबला बेहद रोमांचक रहा। पाकिस्तान के अरशद नदीम ने ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए गोल्ड मेडल पर कब्जा जमाया। अरशद ने अपने दूसरे थ्रो में 92.97 मीटर की दूरी पर जैवलिन फेंककर न केवल स्वर्ण पदक जीता, बल्कि एक नया ओलंपिक रिकॉर्ड भी स्थापित किया। भारत के नीरज चोपड़ा इस बार सिल्वर मेडल ही हासिल कर सके।
फाइनल में अरशद नदीम का प्रदर्शन
पहला प्रयास: अरशद का पहला प्रयास फाउल रहा, जिससे उन पर दबाव आ गया। शुरुआती असफलता के बावजूद, उन्होंने अगले प्रयासों में अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया।
दूसरा प्रयास: इस प्रयास में अरशद ने 92.97 मीटर की दूरी पर जैवलिन फेंका, जो ओलंपिक रिकॉर्ड बन गया। इस थ्रो ने उन्हें सीधे स्वर्ण पदक के दावेदारों में सबसे आगे कर दिया।
तीसरा प्रयास: तीसरे प्रयास में उन्होंने 88.72 मीटर की दूरी तय की, जो उनके पिछले प्रयास के मुकाबले थोड़ा कम था, लेकिन फिर भी उन्हें बढ़त बनाए रखने में मददगार साबित हुआ।
चौथा प्रयास: चौथे प्रयास में अरशद का प्रदर्शन अपेक्षा के अनुरूप नहीं रहा और उन्होंने सिर्फ 79.40 मीटर की दूरी तय की। हालांकि, उनकी शुरुआती बढ़त इतनी मजबूत थी कि यह प्रयास उन्हें ज्यादा प्रभावित नहीं कर सका।
पांचवां प्रयास: पांचवें प्रयास में उन्होंने 84.87 मीटर की दूरी तय की, जो उनके पूर्व के थ्रो से थोड़ा बेहतर था।
छठा प्रयास: अंतिम प्रयास में उन्होंने 91.97 मीटर की दूरी तय की, जो उन्हें अपने ही रिकॉर्ड के करीब ले गया, लेकिन इसे तोड़ नहीं सका। फिर भी, यह थ्रो उनकी कंसिस्टेंसी और दृढ़ संकल्प का प्रतीक था।
ओलंपिक रिकॉर्ड और गोल्ड मेडल
अरशद नदीम का 92.97 मीटर का थ्रो न केवल उन्हें स्वर्ण पदक दिलाने में सफल रहा, बल्कि यह ओलंपिक इतिहास में एक नया रिकॉर्ड भी बना। अरशद ने नॉर्वे के एंड्रियास थोरकिल्डसेन का रिकॉर्ड तोड़ा जिन्होंने बीजिंग ओलंपिक में 90.57 मीटर दूर भाला फेंका था। इस प्रदर्शन के साथ ही अरशद नदीम पाकिस्तान के पहले जैवलिन थ्रोअर बन गए जिन्होंने ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीता हो। इसके साथ ही उन्होंने 32 सालों बाद पाकिस्तान को पहला मेडल दिलाया है।