हैप्पी बड्डे बिंगा: गति, जुनून और कभी हार नहीं मानने वाला एटीट्यूड
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फोटो क्रेडिट: ब्रेट ली (X)
8 नवंबर, 2023 को, ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट के दिग्गज तेज गेंदबाज ब्रेट ली अपना 47वां जन्मदिन मना रहे हैं। अपनी तूफानी गेंदबाजी के लिए मशहूर ली ने क्रिकेट के इतिहास में अपनी एक अलग पहचान बनाई है।
ली का जन्म 8 नवंबर, 1976 को न्यू साउथ वेल्स में हुआ था। उन्होंने 1999 में ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम में पदार्पण किया और इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने 76 टेस्ट मैचों में 310 विकेट, 221 वनडे मैचों में 380 विकेट और 25 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में 28 विकेट झटके। सारे फॉर्मेट को मिला कर ऑल टाइम विकेट टेकर के लिस्ट में ली 718 विकेट के साथ विश्व 13वें स्थान पर आते हैं और ऑस्ट्रेलिया में शेन वार्न और ग्लेन मैकग्राथ के बाद तीसरे नंबर पर आते है।
दूसरे तेज गेंदबाजों की तरह ली के करियर में भी इंजरी का इंपैक्ट रहा, उनको स्टीव वॉ के कप्तानी में खेले गए ऐतिहासिक इंडिया-ऑस्ट्रेलिया सीरीज से एल्बो इंजरी के कारण बाहर होना पड़ा तो वहीं 2007 वर्ल्ड कप में एंकल इंजरी के कारण वह नहीं खेल पाए थे। कई छोटी बड़ी चोटों ने उन्हें लगातार परेशान किया। ब्रेट को कई बार टीम से इंजरी के कारण बाहर जाना पड़ा और ब्रेट हर बार चैम्पियन की तरह टीम में वापस आए। ब्रेट ने अपने जीवन में 2003 वर्ल्ड कप की जीत को भी देखा और 2005 के एशेज के हार को भी पर उनके जीवन में दो चीजें कभी नही बदली, पहला उनकी गति, दूसरा उनका नेवर डाई टिपिकल ऑस्ट्रेलियन माइंडसेट।
ब्रेट ली के करियर के दो यादगार पल जब जब टिपिकल ऑस्ट्रेलियन माइंडसेट का परिचय दिया।
2011 वर्ल्ड कप क्वॉर्टर फाइनल:
2011 क्वार्टर फाइनल में 260 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम आसानी से जीत की तरफ बढ़ रही थी। 42वें ओवर की पांचवी गेंद शेन वॉटसन ने युवराज के पैरों की तरफ किया। युवराज ने गेंद फाइन लेग की तरफ खूबसूरती से खेल दिया, गेंद बाउंड्री के एस्कार्टिंग को मिलने ही वाली थी की बीच में ब्रेट कूद पड़े। बॉल सीधा उनके आंखों के ऊपर टकराई, चार भी नहीं बचा और लहुलुहान ब्रेट को मैदान से बाहर भी जाना पड़ा। ब्रेट की इंजरी को देख सबको यकीन हो चला था कि अब इनका मैदान पर आना मुश्किल है पर ब्रेट तो मतवाला था वो सर पर पट्टी लगाए मैदान पर उतरा और अपना कोटा पूरा किया। ली ये मैच जिता तो नहीं सके पर उस दिन उन्होंने क्रिकेट प्रेमियों का दिल जरूर जीत लिया था।
2005 एशेज एजबेस्टन:
एशेज सिरीज का पहला मैच जीतकर ऑस्ट्रेलिया एजबेस्टन पहुंची। पहली पारी खेलने आई इंग्लैंड के 407 रन के जवाब में ऑस्ट्रेलिया 308 रन ही बना सकी। दूसरी इनिंग में इंग्लैंड भी 182 के स्कोर पर खत्म हो गई। आस्ट्रेलिया को 281 का लक्ष्य मिला। जवाब में आस्ट्रेलिया फ्रेडी फ्लिंटॉफ के सामने पानी मांगती नजर आई और 175 के स्कोर पर आस्ट्रेलिया के आठ विकेट गिर चुके थे। 10 नंबर पर खेलने बिंगा नाम से मशहूर ब्रेट ली आए और उन्होंने शेन वॉर्न के साथ मिलकर 45 रनों की साझेदारी की। 42 के निजी स्कोर पर वॉर्न हिट विकेट हुए। जीत के लिए आस्ट्रेलिया को अब भी 61 रन चाहिए थे और इंग्लैड को एक विकेट।
मैच में बस औपचारिकता ही बची थी पर बिंगा इतने आसानी से हार मानने वाले नहीं थे। उन्होंने कैस्प्रोविच के साथ आखरी विकेट के लिए 59 रनों की साझेदारी की। अब जीत के लिए महज दो रन बचे थे और स्ट्राइक पर कैस्प्रोविच थे। गेंद फ्रेडी के हाथ में थी और फ्रेडी भी जानते थे कि ये आखरी मौका है। फ्रेडी ने गेंद किया गेंद जो कैस्प्रोविच के बल्ले को चूमते हुए विकेट कीपर जोंस के दस्ताने में पहुंच गई। फ्रेडी हवा में उछले और ब्रेट जमीन पर।
ब्रेट ये मैच जीत तो नही पाए पर उस पारी ने उन्हें अमर कर दिया। गाली-गलौज के लिए जाने जानी वाली सीरीज में पहली बार किसी पॉम को किसी ऑस्ट्रेलियन को ढांढस बंधाते दुनिया ने देखा। जमीन पर बैठे ब्रेट के कंधे पर फ्लिंटॉफ का हाथ क्रिकेट इतिहास के सबसे खूबसूरत मोमेंट में से एक रहा।
“I’m not Benjamin Button” ये कहके उन्होंने जुलाई 2013 में उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया। तेज गेंदबाज बिंगा से पहले भी थे और बाद भी पर कोई भी बिंगा नहीं बन सका।
गोलबोल्ड की तरफ से आपको हैपी बर्थडे और थैंक यू रहेगा। हमारे बचपन को इंटरटेनिग बनाने के लिए, 160 KMPH की गति को छूने के लिए, कभी ना हार मानने के लिए।