हार्दिक पांड्या बनना आसान नहीं, गालियां, तलाक और अब कप्तानी में नया झटका

फोटो क्रेडिट : (X/@hardikpandya7)
आज से करीब 24 साल पहले स्पेन में कुछ ऐसा हुआ था जिसने एक बहुत बड़े स्टार फुटबॉलर को उसके ही फैंस का दुश्मन बना दिया था। बार्सिलोना के साथ पांच साल में चैंपियंस लीग को छोड़कर अन्य सभी खिताब जीतने वाले पुर्तगाली स्टार लुईस फिगो ने जैसे ही रियल मैड्रिड ज्वाइन करने का फैसला लिया वह अपने ही फैंस के दुश्मन बन गए। फैंस उनका अपमान करने में जरा भी पीछे नहीं रहे और उन्हें खूब गालियां दी गई। कुछ ऐसा ही फिलहाल हार्दिक पांड्या के साथ होता दिख रहा है। फुटबॉल में खिलाड़ियों को बू किया जाना आम है, लेकिन अप्रैल में क्रिकेट में ऐसा लगभग पहली बार होता दिखा।
सोचने वाली बात यह है कि जिस खिलाड़ी को टार्गेट किया जा रहा था वह भारतीय था और उसे टार्गेट भी भारतीय लोग ही कर रहे थे। हार्दिक पांड्या के साथ IPL के दौरान जो हो रहा था वह बहुत ही अजीब था। वो जिस टीम के कप्तान थे उसी टीम के फैंस उन्हें चिढ़ा रहे थे, अपमानित कर रहे थे और उनका साथ अन्य टीमों के फैंस भी दे रहे थे। हार्दिक पांड्या ने जैसे ही गुजरात टाइटंस को छोड़ा और मुंबई के साथ दोबारा आए तभी से विवाद शुरू हो चुका था। मुंबई का कप्तान घोषित होते ही हार्दिक ने बहुत बड़ी मुसीबत अपने नाम कर ली थी।
अहमदाबाद में जब वह पहली बार मुंबई को लीड करने उतरे तब लगभग 88,000 दर्शकों ने उन्हें खूब परेशान किया था। हार्दिक ने जब-जब मैच में कुछ करना चाहा तब-तब फैंस ने उन्हें बू किया और उनके लिए गालियां बकी। अगले मैच में भी कुछ खास नहीं बदला और इस बार टीम के प्रदर्शन ने भी उनकी मुश्किलें बढ़ाई। मुंबई में जब पहली बार वह मुंबई के कप्तान के रूप में टॉस कराने उतरे तो फैंस उनके पीछे पड़ गए थे। संजय मांजरेकर को बोलना पड़ा कि थोड़ा तमीज़ से पेश आइए, लेकिन फैंस कहां मानने वाले थे।
मुंबई का प्रदर्शन भी खराब रहा और चार विकेट तो देखते ही देखते गिर गए जिसमें से तीन का खाता भी नहीं खुला। ऐसे में हार्दिक ने काउंटर अटैक करने का फैसला किया। हार्दिक ऐसी पारी खेल रहे थे जिससे कुछ मिनट पहले उन्हें बू कर रहे लोग ही उनके लिए तालियां बजाने को मजबूर हो गए थे। हालांकि, अधिक आक्रमण करने के चक्कर में वह अपना विकेट गंवा बैठे। हार्दिक ने अपनी 34 रनों की पारी में ही दिखा दिया था कि उनके पास अपने आलोचकों को शांत कराने की क्षमता है।
यह हार्दिक का स्वभाव था कि वह इतनी मज़बूती से इतनी घृणा का सामना हंसते हुए कर रहे थे। मुझे नहीं लगता कि कोई व्यक्ति इस तरह की चीजों का सामना आसानी से कर सकता है। निश्चित तौर पर हार्दिक के अंदर काफी कुछ चल रहा होगा जिसे वह सामने नहीं ला रहे थे। हार्दिक को कप्तान बनाना मैनेजमेंट का फैसला था और रोहित को हटाना भी। इसके लिए हार्दिक को दोष देना बेवकूफी है और अपने ही स्टार के पीछे पड़ जाना वाहियात है।
हार्दिक पांड्या को लगे नए झटके
हालांकि, किस्मत हमेशा बदलती है और बहादुरों को दूसरा मौका जरूर मिलता है। हार्दिक को भी यह मौका मिला और उन्होंने टी20 विश्व कप में इसका पूरा फायदा भी उठाया। हार्दिक ने अपने दमदार प्रदर्शन से भारत को चैंपियन बनाया और फिर पूरे भारत ने मिलकर हार्दिक की जमकर तारीफ की। हार्दिक ने फाइनल के बाद अपना दर्द बयां किया था और रोते हुए बताया था कि पिछले कुछ महीने उनके लिए कितने कठिन रहे हैं। अब हार्दिक का तलाक भी हो चुका है जिसकी अफवाहें पिछले कुछ महीनों से लगातार उड़ रही थीं।
भारत की टी20 टीम के उप-कप्तान हार्दिक अब टी20 टीम के कप्तान बनने ही वाले थे कि गौतम गंभीर के आते ही मामला यहां भी पलट गया। सूर्यकुमार यादव को अचानक से श्रीलंका दौरे के लिए कप्तान बना दिया गया और वनडे में रोहित बरकरार रखे गए। हालांकि, उम्मीद है कि हार्दिक इस झटके से भी जल्द ही उबरेंगे।