मोंटी देसाई: नेपाल क्रिकेट के मसीहा ने कैसे बदली टीम की सूरत?
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सौजन्य: नेपाल क्रिकेट
क्रिकेट में अक्सर देखा जाता है कि पूर्व क्रिकेटर्स को ही हेडकोच या अन्य विशेषज्ञ कोच के रूप में टीमें नियुक्त करती हैं। मोंटी देसाई ने अपने करियर में प्रोफेशनल लेवल की क्रिकेट नहीं खेली है, लेकिन फिर भी उनका कोचिंग करियर काफी शानदार रहा है। देसाई ने आंध्र प्रदेश क्रिकेट टीम के साथ अपना कोचिंग करियर शुरू किया था और आज नेपाल की टीम के हेडकोच हैं। मोंटी की क्रिकेट की समझ उन्हें सभी कोचों से अलग बनाती है। क्रिकेट जगत में उनको लेकर अधिक बात नहीं होती है, लेकिन वो बहुत अधिक प्रशंसा के पात्र हैं।
कनाडा की टीम को कोचिंग दे चुके मोंटी लंबे समय तक वेस्टइंडीज के बल्लेबाजी कोच भी रहे हैं। मोंटी को जब नेपाल का हेडकोच बनाया गया था तब टीम की दशा काफी खराब थी। हालांकि, उनके आने के बाद से टीम ने केवल अच्छे दिन ही देखे हैं। मोंटी के आने के बाद टीम ने वनडे का दर्जा दोबारा हासिल किया और वर्ल्ड कप क्वालीफायर्स में गजब का प्रदर्शन भी किया। क्वालीफायर्स में नेपाल ने 12 में से 11 मुकाबले जीते थे और इसी के कारण उनका वनडे का दर्जा भी वापस आया था।
एशिया कप और टी-20 विश्व कप
मोंटी की कोचिंग में नेपाल ने पहली बार एशिया कप के लिए क्वालीफाई किया था। ऐतिहासिक टूर्नामेंट में टीम का प्रदर्शन अच्छा भी रहा था। भारत और पाकिस्तान जैसी टीमों के खिलाफ भले ही उन्हें हार मिली थी, लेकिन उन्होंने दिखाया था कि वे क्या कर सकते हैं। रोहित शर्मा के खिलाफ करन केसी का ओपनिंग स्पेल कभी भी भुलाया नहीं जा सकेगा। इसके बाद मोंटी ने नेपाल को उनकी सबसे बड़ी सफलता दिलाई।
टी-20 विश्व कप के एशिया क्वालीफायर्स का सेमीफाइनल जीतते ही नेपाल ने टी-20 विश्व कप 2024 के लिए अपना स्थान पक्का कर लिया। फाइनल में उनका सामना ओमान से होगा और इसे जीतकर वे ट्रॉफी अपने नाम करना चाहेंगे, लेकिन विश्व कप का टिकट मिल जाने से उनके ऊपर भार कम हुआ होगा। 10 सालों के लंबे इंतजार के बाद नेपाल भी टी-20 विश्व कप का हिस्सा होगा।
कैसे बदली नेपाल की सूरत?
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मोंटी के अंडर टीम की सूरत किस तरह बदली ये जानना भी जरूरी है। मोंटी ने टीम को निडर क्रिकेट खेलना सिखाया है। उन्हें पता है कि अपने खिलाड़ियों का इस्तेमाल कैसे करना है। सोमपाल कामी और करन जैसे सीनियर गेंदबाजों के साथ उन्होंने अविनाश बोहारा जैसे युवाओं को तैयार किया है। कुशल मल्ला और दिपेंद्र सिंह ऐरी का इस्तेमाल उनसे बेहतर कोई और नहीं कर सकता है। ये दो खिलाड़ी बहुत की क्लीन हिटर हैं और कोच ने इन्हें इनकी ताकत पर ही खेलने की छूट दी है।
कप्तान रोहित पुडेल और आसिफ शेख को एंकर का रोल निभाने की जिम्मेदारी दी गई है जो ये दोनों अच्छे से निभा भी रहे हैं। ललित राजबंशी और गुलशन झा जैसे ऑलराउंडर टीम को मजबूती देते हैं। मोंटी ने कुछ भी अलग नहीं किया है और केवल अपने खिलाड़ियों को सही से इस्तेमाल किया है और टीम के अंदर एक अच्छी जुगलबंदी तैयार की है। मोंटी काफी शांत स्वभाव के हैं और वह बड़ी शांत से नेपाल को उसके सबसे अच्छे दिनों की ओर ले जा रहे हैं।
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