शाकिब के साथ सब सही नहीं?
बांग्लादेश वर्तमान विश्व कप की सेमीफाइनल से बाहर होने वाली पहली टीम बनी है। इस टीम के कप्तान शाकिब अल हसन के लिए ये टूर्नामेंट काफी खराब रहा है। टीम के खराब प्रदर्शन के साथ ही उनका खुद का प्रदर्शन भी काफी निराशाजनक रहा है। 2019 विश्व कप में बल्ले और गेंद दोनों से धमाल मचाने वाले शाकिब इस टूर्नामेंट के अपने प्रदर्शन को भूलना चाहेंगे। पाकिस्तान के खिलाफ मैच के दौरान शाकिब दयनीय स्थिति में नजर आए और उन्हें देखकर तरस आ रहा था।
टूर्नामेंट के बीच में ही शाकिब दो दिन के लिए बांग्लादेश लौटे थे। उन्होंने अपने बचपन के कोच के साथ नेट्स पर काम किया था ताकि अपनी बल्लेबाजी में सुधार ला सकें। हालांकि, वापस लौटने पर भी उनकी बल्लेबाजी में कुछ खास सुधार नहीं आया। नीदरलैंड्स के खिलाफ सस्ते में आउट होने के बाद पाकिस्तान के खिलाफ उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा था। पाकिस्तान के खिलाफ वो अर्धशतक के करीब पहुंचे थे, लेकिन उनकी पूरी पारी के दौरान वो कभी सहज नहीं दिखाई दिए।
शाकिब के साथ आखिर ऐसा हुआ क्या कि उनकी स्थिति इतनी दयनीय हो चुकी है। थोड़ा फ्लैशबैक में जाएं तो समझ आएगा कि शाकिब के साथ सब सही नहीं है। टूर्नामेंट की शुरुआत से पहले ही तमीम इकबाल के साथ उनका विवाद सामने आ चुका था। उस दौरान दोनों तरफ से बयानबाजी हुई और इसका असर टीम पर निश्चित तौर से पड़ा है। बीच टूर्नामेंट शाकिब जो वापस गए उससे भी साफ प्रतीत होता है कि उन्होंने चीजों के बद से बदतर कर लिया।
जब वो बांग्लादेश गए थे तो क्रिकेट फैंस ने ‘गद्दार’ के नारे लगाए थे। ऐसे में एक चीज से साफ है कि शाकिब के ऊपर अंदर और बाहर दोनों तरफ से दबाव लगातार बढ़ रहा है। टीम के अंदर भी एकजुटता की कमी साफ तौर पर दिखाई दे रही है। बल्लेबाज़ों का क्रम कौन तय कर रहा है ये भी साफ नहीं है क्योंकि शाकिब खुद अपने बल्लेबाजी क्रम को लेकर खुश नहीं हैं। टीम के हेडकोच पर भी सवाल लगातार उठाए जा रहे हैं और उन्हें हटाए जाने की मांग हो रही है। मैनेजमेंट का रवैया भी हमेशा से सवालों में रहा है।
शाकिब के अलावा टीम के अन्य सदस्य भी लगातार खराब प्रदर्शन के पीछे तय बल्लेबाजी क्रम नहीं होने को बताया है। अगर ऐसा है तो फिर शाकिब कप्तान किस बात के हैं? क्या उन्हें सभी फैसले लेने का हक नहीं है? क्या उनके ऊपर से बाहर से दबाव बनाया जा रहा है? सवाल कई हैं, लेकिन इसके जवाब शायद बांग्लादेश क्रिकेट फैंस को नहीं मिलने वाले हैं। शाकिब विश्व के सबसे बेहतरीन ऑलराउंडर्स में से एक हैं और उनके साथ अगर इस तरह का व्यवहार हो रहा है तो ये काफी दुखद है।
2019 विश्व कप में शाकिब ने 600 से अधिक रन बनाने के अलावा 10 से अधिक विकेट भी चटकाए थे। ये टूर्नामेंट इंग्लैंड में खेला गया था और वर्तमान टूर्नामेंट जो कि एशिया में हो रहा है वहां शाकिब का संघर्ष करना समझ से परे है। विश्व कप के पहले तक शाकिब का प्रदर्शन इतना भी खराब नहीं था। ऐसा क्या हुआ कि जो खिलाड़ी पहले शानदार प्रदर्शन कर रहे थे वो भारत पहुंचते ही एकाएक फ्लॉप होने लगे?
बहुत सारे सवालों के बीच अब शाकिब के पास अपनी प्रतिष्ठा बचाने का एकमात्र साधन है कि वो कैसे भी करके टीम को चैंपियंस ट्रॉफी में क्वालीफाई करा ले जाएं। अगर बांग्लादेश ने विश्व कप का समापन टॉप-8 से बाहर रहते हुए किया तो उन्हें चैंपियंस ट्रॉफी खेलने का भी मौका नहीं मिलेगा। शाकिब के लिए ये जले पर नमक छिड़कने वाली बात हो जाएगी।