मोदी सरकार में JNU को मिले 3,030 करोड़ रूपये, डेढ़ गुना बढ़ी फंडिंग
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फोटो क्रेडिट: (X/@JNU_official_50)
भारत के सबसे बेहतरीन विश्वविद्यालयों में से एक जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) को भले ही वामपंथ का गढ़ माना जाता है, लेकिन मोदी सरकार में इसकी फंडिंग में खूब इजाफा देखने को मिला है। JNU को मोदी सरकार में पिछले दशक के मुकाबले 1.5 गुना अधिक फंडिंग मिले हैं। दरअसल JNU में छात्रों को बेहद कम फीस और बहुत मामूली खर्च में ही बेहतरीन पढ़ाई करने का मौका मिलता है। यही कारण है कि इस विश्वविद्यालय को फंडिंग की जरूरत होती है।
मोदी सरकार में JNU को 3,030 करोड़ रूपये मिले हैं। इस बात का खुलासा पुणे के एक RTI कार्यकर्ता प्रफुल्ल सारदा द्वारा सूचना के अधिकार (RTI) से मांगी गई जानकारी के बाद हुआ है। इस जानकारी में पता चला है कि UPA शासनकाल में JNU को 2,055 करोड़ रूपये की फंडिंग मिली थी। आपको बता दें कि 2004-05 से लेकर 2014-15 तक देश में UPA का शासन था और 2015-16 से मोदी सरकार चल रही है।
मोदी सरकार में मिली फंडिंग शासन शुरू होने से लेकर 2022-23 तक की है। इस बार बीजेपी को पूर्ण बहुमत नहीं मिली थी, लेकिन कुछ दलों के साथ मिलकर उन्होंने गठबंधन की सरकार बनाई है। फिलहाल NDA का शासन चल रहा है।
JNU में जहां मोदी सरकार आने के बाद पैसों में बढ़ोत्तरी देखने को मिली तो वहीं मुकदमों में भी रिकॉर्ड इजाफा हुआ है। 2016 से पहले तक JNU के छात्रों पर कोई FIR दर्ज नहीं हुई थी, लेकिन इसके बाद कॉलेज प्रशासन ने अपने छात्रों के खिलाफ अब तक 35 मुकदमें दर्ज कराए हैं। भले ही मुकदमों की संख्या का खुलासा हो गया है, लेकिन इस बात को लेकर जानकारी नहीं मिल पाई है किन-किन लोगों पर मुकदमें दर्ज हैं।
इसके साथ ही यह भी नहीं बताया गया है कि इन 35 मुकदमों में कुल कितने लोगों का नाम शामिल है। JNU भारत में लगातार चर्चा का केंद्र बना रहता है।