आकाशदीप: पिता और भाई की मौत, छोड़ना पड़ा घर, बड़ी फिल्मी है इस तेज गेंदबाज की कहानी
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फोटो क्रेडिट: X/@BCCI)
भारत और इंग्लैंड के बीच खेली जा रही टेस्ट सीरीज में लगातार कई भारतीय क्रिकेटर्स को डेब्यू करने का मौका मिला है। इसी कड़ी में बंगाल के लिए घरेलू क्रिकेट खेलने वाले तेज गेंदबाज आकाशदीप ने भी अपना इंटरनेशनल डेब्यू किया है। डेब्यू टेस्ट में ही आकाशदीप की गेंदों ने इंग्लैंड के बल्लेबाजों को खूब परेशान किया। इंटरनेशनल क्रिकेट के पहले स्पेल में ही आकाशदीप ने तीन विकेट अपने नाम कर लिए। इसके साथ ही उनके नाम की चर्चा भी खूब होने लगी है। आइए जानते हैं आकाशदीप से जुड़ी अहम बातें।
मजबूरी में छोड़ा बिहार, बंगाल में मिला आसरा
आकाशदीप मूलरूप से बिहार के सासाराम से आते हैं, लेकिन मजबूरी में उन्हें अपना राज्य छोड़ना पड़ा। आपको बता दें कि बिहार क्रिकेट बोर्ड पर बीसीसीआई ने बैन लगा रखा था और इसी कारण ये प्रदेश घरेलू क्रिकेट नहीं खेल रहा था। आकाशदीप मौके की तलाश में बंगाल चले गए और ऐसा करने वाले पहले बिहारी क्रिकेटर नहीं थे। वहां जाकर उन्होंने क्लब क्रिकेट खेलना शुरू किया था।
पिता चाहते थे कि सरकारी नौकरी करें आकाशदीप
आकाशदीप के पिता चाहते थे कि उनका बेटा बिहार पुलिस में भर्ती हो या फिर किसी ग्रुप डी की परीक्षा को पास करके नौकरी पकड़ ले। कई बार तो ऐसा भी हुआ कि उनके पिता ने जबरदस्ती फॉर्म भर दिया और फिर उन्हें परीक्षा देने जाना पड़ा। हालांकि, आकाशदीप के मुताबिक उन्होंने हर बार परीक्षा में कापी में बिना कुछ लिखे ही उसे जमा कर दिया। आकाशदीप नहीं चाहते थे कि वह नौकरी के चक्कर में फंसे क्योंकि उनका सपना क्रिकेटर बनने का ही था। एक समय ऐसा भी आया कि लोग अपने बच्चों को उनसे दूर रहने को भी कहने लगे थे।
पिता और भाई की मौत से टूटा मुसीबतों का पहाड़
आकाशदीप लगातार अपना सपना पूरा करने के लिए लड़ाई लड़ रहे थे, लेकिन इसी बीच उनके ऊपर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा। छह महीने के भीतर पिता और बड़े भाई की मौत ने आकाशदीप को मंझधार में फंसा दिया। उनके ऊपर करियर बनाने के साथ ही परिवार की जिम्मेदारी का बोझ भी आ चुका था। इसी बीच उनके एक दोस्त ने उन्हें बंगाल में क्लब क्रिकेट खेलने के लिए बुलाया। क्लब में लेदर बॉल की क्रिकेट तो वो खेल रहे थे, लेकिन पैसे कमाने के लिए उन्होंने टेनिस बॉल क्रिकेट भी खेलना शुरू कर दिया था। टेनिस बॉल की क्रिकेट से वह महीने में लगभग 20 हजार रूपये कमा ले रहे थे।
मेहनत से आकाशदीप ने हासिल किया मुकाम
20 साल की उम्र में बंगाल का रुख करने वाले इस खिलाड़ी ने सात साल के अंदर काफी बड़ा मुकाम हासिल कर लिया। बंगाल के लिए अंडर-23 क्रिकेट खेलने के बाद आकाशदीप को सीनियर टीम में भी जगह मिल गई। फर्स्ट-क्लास क्रिकेट खेलने के साथ ही वह आईपीएल का भी हिस्सा बन चुके थे। आईपीएल में आरसीबी की टीम ने उनके ऊपर भरोसा जताया और अब वह भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट खेल रहे हैं।